मृत्युभोज एक सामाजिक अभिशाप – डॉ राजेन्द्रसिंह सोलंकी गुडामालानी
मृत्युभोज का संक्षेप में अर्थ है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो परिवार को मृतक आत्मा की शांति के नामित बारहवे दिन वहां एकत्रित नाते रिश्तेदारों को भोजन उपलब्ध कराना। यह प्रथा भारतीय संस्कृति में पुराने दौर से चल रहा है। हालांकि, विश्वास किया जाता है कि इसका पालन करने से मृतक […]